नई दिल्ली: योगी प्रहलाद जानी उर्फ चुनरीवाला माताजी का मंगलवार को गुजरात के गांधीनगर जिले में निधन हो गया। वह 90 साल के थे। 70 साल से अधिक समय तक बिना भोजन या पानी के जीवित रहने का दावा करने वाले योगी जानी का उनके पैतृक गांव चरदा में निधन हुआ। गुजरात में उनका अनुसरण करने वाले बहुत लोग थे।
2003 और 2010 में वैज्ञानिकों द्वारा उनके बिना भोजन या पानी के जीवित रहने के दावों का परीक्षण किया गया। वह दावा करते थे कि उन्हें भोजन या पानी की जरूरत नहीं है क्योंकि देवी ने उन्हें पाल रखा है।
जानी का शव बनासकांठा जिले के अंबाजी मंदिर के पास स्थित उनके आश्रम-सह-गुफा में ले जाया गया।
महिलाओं के वेष में रहते थे
देवी अम्बा के भक्त होने के नाते वे हर समय लाल साड़ी (चुनरी) पहनकर रहते थे और एक महिला की तरह कपड़े पहनते थे, इस कारण उन्हें चुनरीवाला माताजी के नाम से जाना जाता था। जानी ने अपने जीवन के 76 साल बिना भोजन या पानी के रहने का दावा किया। उन्होंने आध्यात्मिक अनुभव के अनुसरण में बहुत कम उम्र में अपने माता-पिता का घर छोड़ दिया था। उनके अनुयायियों ने दावा किया कि उन्होंने 14 साल की उम्र में भोजन और पानी लेना बंद कर दिया था।
वैज्ञानिकों ने किया अध्ययन
जानी ने छोटी उम्र में अंबाजी मंदिर के पास स्थित एक छोटी गुफा बनाई और बाद में योगी के रूप में लोकप्रियता हासिल की। 2010 में डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन के तहत डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ फिजियोलॉजी एंड एलाइड साइंसेज (DIPAS) से जुड़े वैज्ञानिकों और डॉक्टरों ने जानी पर 15 दिनों का अध्ययन किया था ताकि पता लगाया जा सके कि वह बिना भोजन या पानी के कैसे रह रहा थे।
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