Global Hunger Index - 2022
आयरलैंड स्थित कंसर्न वर्ल्डवाइड और जर्मनी स्थित वेल्थुंगर हिल्फ (Concern Worldwide and Welt Hunger Hilfe) द्वारा 15 अक्टूबर को जारी की गई वैश्विक भुखमरी सूचकांक - 2022 (Global Hunger Index - 2022) को लेकर भारत में काफी चर्चा हो रही है.
रिपोर्ट के आते ही देश के कई विपक्षी नेताओं ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा वहीं भारत सरकार ने इस रिपोर्ट पर सवाल खड़ा करते हुए इसे खारिज कर दिया है.
क्या है रिपोर्ट में?
जारी की गई Global Hunger Index रिपोर्ट में 29.1 अंकों के साथ भारत में भूख के स्तर को गंभीर बताया गया है. भारत 2021 में 116 देशों में 101वें नंबर पर था वहीं 2020 में वह 94वें पायदान पर था. रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया में सबसे अधिक भूख के स्तर वाले क्षेत्र, दक्षिण एशिया में बच्चों में नाटापन की दर (Child Stunting Rate) सबसे अधिक है. इसमें कहा गया है, ''भारत में चाइल्ड वेस्टिंग रेट 19.3 प्रतिशत है जो दुनिया के किसी भी देश में सबसे अधिक है और भारत की बड़ी आबादी के कारण यह इस क्षेत्र के औसत को बढ़ाता है.''
इस रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग 107 है वहीं पड़ोसी देश पाकिस्तान (99), बांग्लादेश (84), नेपाल (81) और श्रीलंका (64) भारत के मुकाबले अच्छी स्थिति में हैं. भारत एशिया महाद्वीप में केवल तालिबान शासित अफगानिस्तान से पीछे है और वह 109वें स्थान पर है.
भारत सरकार ने इस रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा है कि वैश्विक भूख सूचकांक 2022 के जरिए "एक ऐसे राष्ट्र के रूप में भारत की छवि को धूमिल या कलंकित करने के लिए निरंतर किया जा रहा कुटिल प्रयास एक बार फिर स्पष्ट नजर आ रहा है जो अपनी आबादी की खाद्य सुरक्षा और पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा नहीं करता है. ऐसा प्रतीत होता है कि गलत सूचना फैलाना ही हर साल जारी किए जाने वाले 'वैश्विक भुखमरी सूचकांक' का विशिष्ट उद्देश्य है."
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क्या है वैश्विक भुखमरी सूचकांक - Global Hunger Index?
पहली बार 2006 में जारी किए गये वैश्विक भुखमरी सूचकांक को हर वर्ष अक्टूबर के महीने में जारी किया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य वैश्विक, क्षेत्रीय और देश के स्तर पर भूख को व्यापक रूप से मापना और ट्रैक करना है. इसका 2022 में जारी किया गया संस्करण 17वां संस्करण है. वैश्विक भुखमरी सूचकांक (Global Hunger Index) वैश्विक, क्षेत्रीय और देश के स्तर पर भूख को व्यापक रूप से मापने एवं ट्रैक करने का एक साधन है.
Global Hunger Indexग्लोबल हंगर इंडेक्स की गणना चार संकेतकों के आधार पर की जाती है-
अल्पपोषण (Under-nutrition)
अपर्याप्त कैलोरी सेवन करने वाले लोगों की संख्या
चाइल्ड वेस्टिंग(Child Wasting)
चाइल्ड वेस्टिंग का तात्पर्य पांच साल से कम उम्र के उन बच्चों से है जिनका वजन उनकी ऊंचाई के अनुसार नहीं है, ये स्थिति तीव्र कुपोषण को दर्शाती है.
चाइल्ड स्टंटिंग (Child Stunting)
चाइल्ड स्टंटिंग का तात्पर्य पांच साल से कम उम्र के उन बच्चों से है जिनका वजन उनकी उम्र के हिसाब से कम है, यह कुपोषण को दर्शाता है.
बाल मृत्यु दर (Child Mortality)
पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर.
कैसे होती है स्कोरिंग?
उपर दिए गए चार संकेतकों के मूल्यों के आधार पर ग्लोबल हंगर इंडेक्स 100-बिंदु पैमाने पर भूख का निर्धारण करता है. सूचकांक के अनुसार 0 सबसे अच्छा संभव स्कोर है (यानि कोई भी भूखा नहीं है) और 100 (यानि सब भूखे हैं) को सबसे खराब माना जाता है. प्रत्येक देश के ग्लोबल हंगर इंडेक्स स्कोर को गंभीरता के आधार पर निम्न से लेकर अत्यंत खतरनाक तक में बांटा जाता है.
कैसे जुटाए जाते हैं आंकड़े?
आयरलैंड स्थित कंसर्न वर्ल्डवाइड और जर्मनी स्थित वेल्थुंगर हिल्फ द्वारा ये सूचकांक तैयार करने के लिए खाद्य और कृषि संगठन (Food and Agricultural Organization - FAO) द्वारा अल्पपोषण डेटा (Under-nutrition Data) प्रदान किया जाता है वहीं बाल मृत्यु दर (Child Mortality) डेटा संयुक्त राष्ट्र इंटर-एजेंसी ग्रुप फॉर चाइल्ड मॉर्टेलिटी एस्टीमेशन (United Nations Inter-Agency Group for Child Mortality Estimation (UN IGME) से लिया जाता है.
इसके अलावा बच्चों की वेस्टिंग और स्टंटिंग (Child Wasting and Stunting) के आंकड़े यूनिसेफ, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) एवं विश्व बैंक के संयुक्त डेटाबेस (Joint Database) से लिये जाते हैं.
ग्लोबल हंगर इंडेक्स को बनाने के लिए पिछले 5 वर्ष की अवधि के डेटा का उपयोग किया जाता है. वर्ष 2022 में प्रकाशित किए गए ग्लोबल हंगर इंडेक्स स्कोर की गणना के लिए वर्ष 2017 से वर्ष 2021 के डेटा का उपयोग किया गया है.
वैश्विक भुखमरी सूचकांक 2022 में देशों का प्रदर्शन
वैश्विक विकास (Global Development)
विश्व स्तर पर हाल के वर्षों में भुखमरी के खिलाफ प्रगति काफी हद तक स्थिर हो गई है; वर्ष 2022 में 18.2 का वैश्विक स्कोर वर्ष 2014 में 19.1 की तुलना में थोड़ा बेहतर हुआ है. हालाँकि, 2022 का GHI स्कोर अभी भी "मध्यम" है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि देशों के मध्य संघर्ष, जलवायु परिवर्तन, कोविड -19 महामारी के अलावा आर्थिक नतीजों के साथ-साथ रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे कुछ ऐसे संकट हैं, जिसके कारण वैश्विक स्तर पर खाद्य, ईंधन और उर्वरक की कीमतों में भारी वृद्धि हुई है इसी के चलते रिपोर्ट में यह आशंका जताई गई है कि "वर्ष 2023 एवं उसके बाद भी भुखमरी और बढ़ेगी". प्रकाशित सूचकांक के अनुसार, 44 ऐसे देश हैं, जिनमें वर्तमान में 'गंभीर' या 'खतरनाक' भुखमरी का स्तर है.
शीर्ष और सबसे खराबप्रदर्शन करने वाले देश
ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2022 में बेलारूस, बोस्निया और हर्जेगोविना, चिली, चीन एवं क्रोएशिया शीर्ष पांच देश हैं. इसका अर्थ ये है कि यहां भूखमरी न के बराबर है. वहीं चाड, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, मेडागास्कर, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक और यमन सूचकांक में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले देश हैं इसका अर्थ ये है इन देशों में भूखमरी सबसे ज्यादा है.
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