#ऋषि सुनक की क्यों इतनी खनक अखंड भारत (अब पाकिस्तान) में, जिनके पूर्वज जन्मे थे, वे सनातन (हिन्दू) धर्म के अनुयाई श्री ऋषि सुनक अब ग्रेट ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बन गये हैं! हम भारतीयों के लिए यह गौरव का विषय तो है किन्तु केवल भावनात्मक गौरव का...! हमें कोई राजनैतिक सुविधा नहीं मिल गई है ! ठीक वैसे ही जैसे कमला हैरिस जी अमेरिका की उपराष्ट्रपति हैं... जैसे सुंदर पिचाई जी गूगल के सीईओ हैं! माइक्रोसॉफ्ट के श्री सत्या नडेला जी हैं! सनातनी ऋषि सुनक जी की मातृभूमि ब्रिटेन है और उन्हें उनकी मातृभूमि के प्रति सम्पूर्ण निष्ठावान होना ही चाहिए और वे ऐसा ही करेंगे भी ! ठीक वैसे ही जैसे हमारे भारत के राष्ट्रपति डा. जाकिर हुसैन जी और डा.अब्दुल कलाम जी थे! ये मुस्लिम थे तो क्या उन्हें पाकिस्तान या अन्य मुगल राष्ट्रों को राजनैतिक लाभ पहुँचाना चाहिए था?
या क्या उनसे ऐसी अपेक्षा की जा सकती थी? बिल्कुल नहीं! हाँ मुस्लिम देश के प्रतिनिधि उनसे उर्दू में बातचीत करने की सुविधा से और उनके धर्म के अनुयाई वाली समानता से प्रसन्न अवश्य हो सकते थे..! मो.
समी भारत के क्रिकेटर हैं... अनेक मुस्लिम और ईसाई भारतीय सेना में हैं... तो क्या वे भारत के हितों के विरुद्ध प्रतिस्पर्धी को लाभ पहुंचाने के लिए हैं? *उनकी सम्पूर्ण निष्ठा भारत के ही प्रति है* फिर कहीं किसी विदेशी सहधर्मी के प्रति उनका थोड़ा बहुत लगाव हो सकता है...
जो स्वाभाविक है और होना भी चाहिए! बस इसी थोड़े बहुत लगाव की आशा हम ऋषि सुनक जी और कमला हैरिस जी से रख सकते है़ंं... इससे अधिक और कुछ नहीं!
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