नेशनल डेस्कः राजस्थान के जोधपुर जिले में एक पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी परिवार के 11 सदस्य रविवार सुबह एक खेत में मृत पाए गए। मृतकों में पांच बच्चे और चार महिलाएं शामिल हैं। एक अधिकारी ने कहा कि परिवार का एक सदस्य देचु इलाके के लोडता गांव में उस झोपड़ी के बाहर जिंदा मिला जहां ये लोग रहते थे।
लक्ष्मी पर इसलिए पुलिस को शक
लक्ष्मी ने ही परिवार के सभी सदस्यों को इंजेक्शन दिया पुलिस इसलिए शक कर रही क्योंकि वह इंजेक्शन देना जानती थी। उसने पाकिस्तान से नर्सिंग का कोर्स किया था। वहीं शक की एक वजह यह भी है कि मरने वाले सभी 10 सदस्यों के हाथ में सूई लगाई गई है जबकि लक्ष्मी के पैर में, इससे लगता है कि लक्ष्मी ने पहले परिवार के सदस्यों को हाथ में इंजेक्शन दिया और बाद में अपने पैर में इंजेक्शन लगा लिया। बताया जा रहा है कि 38 साल की लक्ष्मी की शादी जोधपुर में ही हुई थी, मगर वह ससुराल नहीं जाती थी।
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि पहले परिवार वालों के खाने में नींद की गोलियां डाली गई होंगी और फिर सभी के हाथ में जहर का इंजेक्शन लगाया गया होगा। परिवार का बारहवां सदस्य इसलिए बच गया क्योंकि वह खाना खाकर खेत में चला गया और वही सो गया था। सुबह जब वह घर लौटा तो सबको मृत पाया। वहीं जानकारी के मुताबिक बुधाराम के घर पारिवारिक क्लेश काफी दिनों से चल रहा था इसी वजह से बुधाराम का एक बेटा वापस पाकिस्तान लौट गया था। वहीं राज्य सरकार ने कहा कि सभी 11 लोगों की मौत का पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड से जोधपुर में कराया जाएगा।
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