जागरण

2.6M Followers

थ्री इडियट्स वाले रैंचो का कमाल, सैनिकों के लिए बनाया ऐसा टेंट कि आनंद महिंद्रा ने किया सैल्यूट

21 Feb 2021.09:33 AM

नई दिल्ली, एजेंसी। लद्दाख की गलवान वैली से कुछ अच्छी तस्वीरें सामने आई हैं। यहां समाजसेवी सोनम वांगचुक ने सेना के जवानों के लिए ऐसा टेंट बनाया है, जिसमें हमेशा 15 से 20 डिग्री सेल्सियस तापमान रहेगा। भले ही बाहर माइनस 20 डिग्री सेल्सियस वाली ठंड क्यों न हो। 12 हजार फीट से ज्यादा ऊंचाई पर मौजूद गलवान वैली वही जगह है, जहां पिछले साल जून में चीन और भारत के जवानों के बीच हिंसक झड़प हुई थी।

यह लद्दाख का वो हिस्सा है जहां सर्दियों में पारा खून जमाने के स्तर तक गिर जाता है। लेकिन देश की सुरक्षा के लिए इस विपरीत ​परिस्थिति में भी भारतीय सेना के जवान सरहद की सुरक्षा के लिए दिन-रात वहां तैनात रहे।

भविष्य में ऐसी कोई परिस्थिति आए तो सेना के हमारे जवानों को ठंड की वजह से कोई दिक्कत न हो इसके लिए सोनम वांगचुक ने एक खास तरह का मिलिट्री टेंट तैयार किया है। जी हां ये वही सोनम वांगचुक हैं, जिनसे प्रेरणा लेकर थ्री ईडियट्स फिल्‍म बनी है। फिल्म में आमिर खान का किरदार फुंशुक वांगडू, जिसे उसके दोस्त प्यार से रैंचो बुलाते हैं, लद्दाख के इसी सोनम वांगचुक पर आधारित है।

आनंद महिंद्रा ने कहा- सोनम आपको सलाम

सोनम वांगचुक अपने इनोवेशन के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने एक तरकीब निकाली है जिससे सरहद की सुरक्षा में तैनात सेना के जवानों को भीषण ठंड से राहत मिल सकेगी। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर कुछ तस्वीरें शेयर की है। इसमें वह एक खास किस्म के मिलिट्री टेंट के बारे में बता रहे हैं, जो माइनस तापमान में भी अंदर से गर्म रहता है। सोनम ने इसे 'सोलर हीटेड मिलिट्री टेंट' नाम दिया है। सोनम के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए बिजनेस मैन आनंद महिंद्रा ने लिखा कि सोनम तुम आदमी हो! आपको सलाम। आपका काम ऊर्जावान कर रहा है।

बाहर ठंड अंदर का तामपान गर्म

सोनम ने ट्वीट करते हुए बताया कि रात के 10 बजे जहां बाहर का तापमान -14°C था, टेंट के भीतर का तापमान +15°C था। यानी टेंट के बाहर के तापमान से टेंट के भीतर का तापमान 29°C ज्यादा था। इस टेंट के अंदर भारतीय सेना के जवानों को लद्दाख की सर्द रातें गुजारने में काफी आसानी होगी। इस सोलर हीटेड मिलिट्री टेंट की खासियत यह है कि यह सौर ऊर्जा की मदद से काम करता है।

जानें- सोलर हीटेड मिलिट्री टेंट की खासियत

इससे सैनिकों को गर्म रखने के लिए लगने वाले कई टन केरोसिन के उपयोग में भी कमी आएगी और वातावरण में प्रदूषण भी नहीं होगा। इस तरह के एक टेंट के अंदर आराम से 10 जवान रह सकते हैं। साथ ही इसमें लगे सारे उपकरण पोर्टेबल हैं, जिसे एक जगह से दूसरी जगह आसानी से ले जाया जा सकता है। यह पूरी तरह 'मेड इन इंडिया' प्रोडक्ट है। सोनम वांगचुक ने इसे लद्दाख में ही रहकर बनाया है। इस टेंट का वजन सिर्फ 30 किलो है, यानी इसे आसानी से एक जगह से दूसरे जगह ले जाया जा सकता है।

इसलिए जाने जाते हैं सोनम वांगचुक

आपको बता दें कि वैज्ञानिक सोनम वांगचुक लगातार इनोवेशन पर काम करते रहते हैं। उन्हें उनके आइस स्तूप के लिए भी जाना जाता है। उनके इस आविष्कार को लद्दाख में सबसे कारगर माना जाता है। स्‍टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्‍चरल मूवमेंट्स ऑफ लद्दाख का केंद्र बिंदु है। लद्दाख में शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तन लाने के लिए वांगचुक का यह आविष्कार क्रांतिकारी कदम माना जाता है।

Disclaimer

Disclaimer

This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Dailyhunt Publisher: Dainik Jagran