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1990 के कत्लेआम के बाद कब्जाई गई थी जो जमीनें, वो ली जाने लगी वापस... मुस्कुराने लगे कश्मीरी हिंदू

02 Oct 2021.11:55 AM

शायद ये सब तब तक संभव नहीं होता, जब तक भारतमाता के मणिमुकुट कहे जाने वाले जम्मू कश्मीर से धारा 370 नहीं हटती. कश्मीर में जिन बदलावों तथा उम्मीदों के साथ धारा 370 हटाई गई थी, वो उम्मीदें अब पूरी होती हुई नजर आ रही हैं.

370 के खात्मे के बाद जहां एकतरफ जम्मू कश्मीर में इस्लामिक आतंक व अलगाववाद का खात्मा हो रहा है तो वहीं दूसरी तरफ राज्य के विकास का पहिया भी तेजी से घूमने लगा है.

इस बीच जम्मू कश्मीर राज्य से एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसके बाद 1990 के दशक में इस्लामिक चरमपंथ का शिकार हुए कश्मीरी हिंदू मुस्कुराने लगे हैं. खबर के मुताबिक, विस्थापित कश्मीरी हिंदुओं के मकानों, दुकानों और खेत-खलिहान पर हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए जम्मू कश्मीर सरकार का अभियान गति पकड़ चुका है. दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में ही प्रशासन ने बीते 20 दिनों में 40 कनाल जमीन को भूमाफिया और अवैध कब्जे से मुक्त कराया है. श्रीनगर जिले में प्रशासन ने ऐसी ही 660 शिकायतों को हल किया है.

इसके साथ ही राज्य प्रशासन ने कश्मीर पंडितों की जमीन जायदाद के दस्तावेजों में गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी शुरू कर दी है. आपको बता दें कि कश्मीर में इस्लामिक चरमपंथियों द्वारा किए गए कतेलाम के चलते 1989-90 के दौरान कश्मीरी हिंदुओं ने घाटी से पलायन किया था. इसके बाद विस्थापितों की संपत्ति पर कई लोगों ने कब्जा कर लिया. अब कश्मीरी हिंदुओ की जायदाद को सुरक्षित रखने और उनकी वापसी को सुनिश्चित बनाने के लिए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के निर्देशानुसार प्रदेश सरकार ने आनलाइन पोर्टल तैयार किया है.

इस पोर्टल पर सभी विस्थापित कश्मीरी वादी में अपनी संपत्ति हुए अतिक्रमण की जानकारी देकर उसे मुक्त करा सकते हैं. इस बारे में जिला उपायुक्त अनंतनाग डा. पीयूष सिंगला ने बताया कि जांच की तो पता चला कि कई जगह जमीन पर अवैध कब्जा है. हमने 22 जगहों पर अवैध कब्जे के मामले पाए। इन्हें हल कर लिया गया. अनंतनाग स्थित राजस्व विभाग के अधिकारियों ने बताया कि थाजीवारा में एमएल धर की पांच कनाल जमीन को गुलाम रसूल से छुड़ाया गया है.

वेस्सु में रोशन लाल कौल की छह कनाल 10 मरला जमीन को मोहम्मद शब्बीर चोपान से और भोलानाथ की 18 मरला जमीन को अब्दुल रशीद से छुड़ा गया है. अकूरा गांव में फूलां रैना नामक एक कश्मीरी पंडित महिला की जमीन पर मोहम्मद इस्माइल पाला नामक व्यक्ति ने कब्जा किया था.जम्मू कश्मीर प्रशासन का कहना है कि राज्य भर में ऐसी जमीनों को मुक्त कराने का अभियान चल रहा है तथा जिन जमीनों पर कब्जा किया गया है, वो सभी जमीनें मुक्त कराई जाएंगी.

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